Tungnath Mandir Trek | Tung Nath Temple | चोपटा तुंगनाथ मंदिर ट्रैक 2025

Tungnath Temple

दोस्तों हर हर महादेव आज मैं तुंगनाथ मंदिर-Tungnath temple के ट्रैक के एक्सपीरियंस को आपके साथ शेयर करने वाली हूं। तुंगनाथ मंदिर वर्ल्ड का सबसे ऊंचा महादेव जी का मंदिर है। जो कि लगभग 12000 फीट ऊंचाई पर उत्तराखंड के चोपटा में स्थित है। लोगों का मानना है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों द्वारा किया गया है। यहां से चारों तरफ का  व्यू बहुत ही सुंदर लगता है। चोपटा बहुत ही सुंदर जगह है यहां की खूबसूरती में कोई भी खो सकता है। इसे भारत का मिनी स्विट्ज़रलैंड भी कहते हैं। यहां चारों तरफ बर्फ से ढके हुए पहाड़ आपको देखने को मिलेंगे जो देखने में बहुत ही खूबसूरत लगते हैं।

Tungnath Temple Trek
Tungnath Temple Trek

तुंगनाथ मंदिर-Tung Nath Mandir पहुंचने के लिए हमें एक ट्रैक करना होता है जो की चोपटा से शुरू होता है। और इस ट्रैक की शुरुआत के लिए हमें चोपटा पहुंचना होता है तो चलिए मैं आपको बताती हूं कि आप सब लोग चोपटा कैसे पहुंच सकते हैं।

तुंगनाथ मंदिर कैसे पहुंचे – Tungnath Mandir Trek

दोस्तों मैंने अपने तुंगनाथ मंदिर का सफर आगरा से शुरू किया था। मैं अपनी पर्सनल गाड़ी से तुंगनाथ मंदिर जाने के लिए निकली तुंगनाथ  मंदिर पहुंचने के लिए दोस्तों हमें सबसे पहले हरिद्वार पहुंचना होता है। अगर आप भी अपने शहर से तुंगनाथ मंदिर के लिए जाना चाहते हैं। तो आपको सबसे पहले हरिद्वार आना होगा जिसके लिए देशभर से ट्रेन चलती हैं। और आप अपनी पर्सनल गाड़ी या टैक्सी से भी आ सकते हैं अगर आप फ्लाइट से आना चाहते हैं। तो आपको सबसे पहले देहरादून एयरपोर्ट आना होगा फिर वहां से करीब 40 किलोमीटर का सफर करके आप हरिद्वार पहुंच सकते हैं।

Tungnath trekking
Tungnath trekking

दोस्तों में हरिद्वार शाम को पहुंची थी तो मैंने हरिद्वार में ही रूम लेकर स्टेट कर लिया। और अगली सुबह चोपटा के लिए निकलने का प्लान बनाया दोस्तों मैं तो अपनी पर्सनल गाड़ी से चोपटा के लिए निकली थी। अगर आप बस द्वारा चोपटा जाना चाहते हैं या फिर टैक्सी द्वारा जाना चाहते हैं। तो आपको चोपटा के लिए डायरेक्ट टैक्सी या बस नहीं मिलेगी इसके लिए आपको केदारनाथ वाले रास्ते पर सोनप्रयाग से पहले एक जगह है। जिसका नाम कुंड है वहां पहुंचना होगा कुंड पहुंचकर आप चोपटा के लिए टैक्सी शेयरिंग पर ले सकते हैं। चोपटा कुंड से करीब 40 किलोमीटर दूर है।

हरिद्वार से कुंड- Haridwar to Kund – Tungnath Trekking 

हरिद्वार से कुंड के लिए आपको बस का किराया लगभग 450/पैसेंजर रुपए पड़ेगा बस से जाने के लिए आपको सुबह 6:00 से 9:00 के बीच  बस पकड़नी होगी, अगर आप मॉर्निंग 9:00 के बाद निकलने का प्लान बना रहे हैं। तो आपको बस नहीं मिलेगी क्योंकि यहां से बस सुबह लास्ट 9:00 तक ही चलती हैं यहां से आपको शेयरिंग टैक्सी भी मिल जाती है। जो की हरिद्वार से आपको कुंड छोड़ देगी अगर आप शेयरिंग टैक्सी से जाएंगे तो इसका किराया लगभग आपको ₹1000 पड़ेगा।

कुंड से चोपटा- Kund To Chopta tungnath chandrashila trek

कुंड से चोपटा के लिए जो टैक्सी चलती हैं उनका किराया लगभग ₹250 पर पैसेंजर होता है

दोस्तों मेरा हरिद्वार से चोपटा का सफर बहुत ही अच्छा था। इस रास्ते में मुझे हरे भरे जंगल, नदियों और घाटियों को देखने का बहुत ही सुंदर व्यू नजर आया रास्ते में मैंने देवप्रयाग के पास कुछ देर के लिए वक्त बिताया यहां मैंने  कुछ देर के लिए नदियों के संगम को दिखा जिसे देखकर मेरा मन बहुत ही खुश हो गया और मुझे थोड़ी देर बाद भूख लगी तो मैंने  रास्ते में ही गरम-गरम आलू के पराठे और चाय का आनंद लिया जिसका बिल मुझे लगभग ₹70 ही पड़ा था।

chopta
chopta tungnath

चोपटा पहुंचते-पहुंचते  मुझे शाम हो गई थी। मैंने चोपटा  में रुकने के लिए पहले से ही एक कैंप में बुकिंग कर रखी थी। जैसे ही मैं कैंप में पहुंची तो वहां के ओनर  ने मुझे एक वेलकम ड्रिंक ऑफर की, और मैंने जल्दी ही ड्रिंक खत्म करके अपने रूम में चेकिंग किया। मैं बहुत ही थक गई थी तो मैंने अपना डिनर रूम में ही मंगा लिया डिनर में दोस्तों मैंने उत्तराखंड का लोकल फूड एक्सप्लोर किया जिसमें मैंने जैंगोर की खीर और गहत की दाल ट्राई की जो खाने में बहुत ही टेस्टी थी।

Chopta
Chopta camp

डिनर करकर में अपने बिस्तर पर आराम करने लगी और ट्रैकिंग की प्लानिंग करते-करते  मुझे नींद आ गई और जब मेरी आंख खुली तो सुबह के 6:00 बज चुके थे। और मैं जल्दी-जल्दी से ट्रैक के लिए नहा धोकर रेडी हो गई और अपने गाइड का वेट करने लगी।

तुंगनाथ ट्रैक की शुरुआत | तुंगनाथ ट्रैकिंग – Tungnath Trekking 

tung nath trek
tung nath trek

तुंगनाथ ट्रैक की शुरुआत चोपटा के मैन बाजार से होती है। और tungnath trek 4 km करीब का है। जैसे ही मैं ट्रैक के लिए निकली तो रास्ते में ही मुझे मेरे गाइड ने एक ग्रुप के साथ अटैच कर दिया इस ग्रुप में करीब 10 लोग थे। और मुझे लगा कि हम लोग 11 हो गए और हमने अपने ट्रेक  की शुरुआत एक साथ की वैसे तो ट्रैक बस 4 किलोमीटर लंबा है। लेकिन यह ट्रैक काफी ऊंचाई पर है। तो जैसे-जैसे हम ऊपर चल रहे थे थोड़ी थकान के साथ-साथ सांस भी चढ़ती रही थी। लेकिन जैसे-जैसे हम चढ़ाई कर रहे थे रास्ता और भी खूबसूरत होता जा रहा था रास्ते में हमें बहुत तरह के फूल देखने को भी मिले जिनमें से बुरांश के फूल मुझे बहुत ही पसंद आए। यहां से चारों तरफ का नजारा बहुत ही सुंदर लग रहा था।

Tungnath trek
Tungnath trek

तुंगनाथ मंदिर – tungnath mahadev temple

करीब 3 घंटे की ट्रैकिंग करने के बाद हम आखिरकार मंदिर तक पहुंच ही गए। और हमने जैसे ही चारों तरफ देखा तो बर्फ से ढकी हुई पहाड़ियों को हम बस देखते ही जा रहे थे। यह पहाड़ियां देखने में इतनी खूबसूरत लग रही थी कि दोस्तों में आपको बता ही नहीं सकती मुझे तो ऐसा लग रहा था कि यहां से कभी वापस ही ना जाऊं। थोड़ी देर आराम करने के बाद हम लोगों ने मंदिर में महादेव जी के दर्शन किए और मंदिर के पुजारी जी से मंदिर के बारे में कुछ जानकारियां लेने लगे। तो मंदिर के पुजारी जी ने हमें बताया कि यह तुंगनाथ मंदिर पांडवों द्वारा बनाया गया था यह मंदिर पंच केदार में से एक है।

Tungnath Temple
Tungnath Temple

तुंगनाथ चंद्रशिला ट्रेक – tungnath and chandrashila trek

यहां पुजारी जी के साथ हमने एक विशेष पूजा की और पंडित जी को ₹101 दान दे कर। हम लोगों ने कुछ देर के लिए वहां मेडिटेशन भी किया फिर हम लोगों ने प्लान बनाया कि क्यों ना हम चंद्रशिला चोटी तक भी चलें। मेरे में तो हिम्मत नहीं थी बट मैं जिस ग्रुप के साथ ट्रैक कर रही थी उन लोगों ने मुझे मोटिवेट किया तो मैंने भी सोचा चलो इतनी दूर आए हैं। तो यहां पर भी घूम कर चलते हैं और हम सब लोग चंद्रशिला चोटी के लिए आगे के लिए ट्रैक करने के लिए निकल पड़े। तुंगनाथ से चंद्रशिला के लिए हमें लगभग 1 किलोमीटर और ट्रैक करना था। मंदिर के पास कुछ देर आराम करने के कारण हम कुछ फ्रेश महसूस कर रहे थे। तो हमें यह 1 किलोमीटर चढ़ाई करने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई और हम सब लोग मस्ती करते हुए लगभग 30 मिनट में चंद्रशिला चोटी पर पहुंच गए।

Chandrashila trek
Chandrashila trek

दोस्तों यकीन मानिए जब हम उसे चोटी पर पहुंचे और हमने चारों तरफ 360 डिग्री का जो नजारा देखा है वैसा नजारा मैंने अपनी लाइफ में कभी नहीं देखा। यहां से चारों तरफ नंदा देवी त्रिशूल पर्वत और चकमा जैसी चोटियों का नजारा इतना सुंदर लग रहा था। और मैं यह सोच रही थी कि अगर मैं चंद्रशिला की ओर नहीं आती तो मुझ से  इतना अच्छा नजारा देखने से छूट जाता इसके लिए मैंने अपने ग्रुप के साथियों से थैंक यू कहा कि उन्होंने मुझे मोटिवेट किया और मैंने उनके साथ यहां आने का मन बनाया।

tungnath to chandrashila trek
tungnath to chandrashila trek

चंद्रशिला चोटी पर कुछ टाइम बिताने के बाद हम लोगों ने वहां अच्छे से फोटो खींचे और कुछ रील भी बनाई वाकई में यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं थी करीब 2 घंटे चोटी पर बिताने के बाद हम लोग वापस चोपटा के लिए नीचे उतरने लगे।

Chandrashila Peak
Chandrashila Peak

करीब 2 घंटे पैदल चलने के बाद हम वापस चोपटा के मैन मार्केट में पहुंच गए। इस ट्रैक में इस ग्रुप के लोगों से मेरी अच्छी दोस्ती हो गई तो हम सब लोगों ने मार्केट में ही एक ढाबे  पर गरमा-गरम मसाला चाय और पकोड़े खाने का प्लान बनाया और हम सब लोग दिन भर की थकान को मिटाने के लिए एक ढाबे पर एक साथ चाय और पकोड़े का मजा लेने लगे। नाश्ता खत्म करके हम अपने-अपने कैंप के लिए जाने लगे। वह सारे लोग एक कैंप में रुके थे और मैं अपने एक अलग कैंप में रुकी हुई थी। उनको बाय बोलकर मैं अपने कैंप आ गई यहां आते-आते मुझे करीब रात के 9:00 बज गए थे।

chopta
chopta

रात को डिनर में मैंने कैंप वालों से वहां के लोकल फूड खाने के लिए रिक्वेस्ट की जिसके लिए मेरे कैंप के ओनर ने यहां की लोकल कुमाऊनी थाली का अरेंजमेंट किया जिसमें मैंने भट्ट की दाल, आलू के गुटके और मांडवे की रोटी का आनंद लिया जो स्वाद में बहुत ही टेस्टी था। लग रहा था जैसे मैं किसी घर में बैठकर ही खाना खा रही हूं डिनर खत्म कर कर मैं सोने के लिए चली गई क्योंकि मुझे सुबह जल्दी ही आगरा के लिए निकलना था।

rishikesh
rishikesh

सुबह करीब 8:00 बजे मैंने अपने कैंप से चेक आउट किया और अपनी गाड़ी द्वारा आगरा के लिए निकल गई। और रास्ते में कुछ देर ऋषिकेश में रुक कर मैंने लंच किया और  शाम होते-होते में हरिद्वार पहुंच गई थी। तब करीब लगभग 6:30 बज रहे थे तो मैंने सोचा क्यों ना यहां आकर गंगा आरती के भी दर्शन कर लिए जाएं जो करीब 7:00 बजे शाम को शुरू होने वाली थी तो मैंने  जल्दी से गंगा स्नान किया और 7:00 बजे गंगा आरती में शामिल हुई।

haridwar arti
haridwar arti

कुछ देर गंगा घाट पर ही घूमने के बाद करीब 9:00 बजे में रात को ही अपनी गाड़ी से आगरा के लिए निकल गई

haridwar
haridwar

और रास्ते में रुड़की के बाद मैंने एक ढाबे पर डिनर किया। फिर मेरठ होते हुए यमुना एक्सप्रेसवे से होते हुए  सुबह करीब 4:00 बजे आगरा पहुंच गई। आगरा और पहुंच कर मैं पूरा दिन सोती रही।

ये तुंगनाथ और चंद्रशिला ट्रेक मेरी लाइफ का बहुत ही अच्छा लाइफ इवेंट था। अगर मुझे मौका मिला तो मैं इस ट्रेक पर फिर से जाना चाहूंगी। 

तो दोस्तों मैं आशा करती हूं कि आपको मेरा यह तुंगनाथ ट्रैक का एक्सपीरियंस अच्छा लगा होगा अगर आप भी इस  ट्रैक पर जाना चाहते हैं तो आप वहां जरूर जाएं वह बहुत ही सुंदर जगह है वहां जाकर आपको बहुत अच्छा लगेगा

दोस्तों अगर आपको यह पोस्ट पढ़कर मजा आया तो प्लीज आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और अपने क्वेश्चन या कोई जानकारी चाहते हैं तो आप मुझे इस पोस्ट पर कमेंट भी कर सकते हैं

 

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